Friday, September 12, 2014

गोंडवाना इतिहास

गोण्डवाना (पूर्वनाम 'गोंडवाना लैंड ') प्राचीन वृहत महाद्वीप (अंग्रेज़ी:super continent) पैन्जिया का दक्षिणी भाग था। उत्तरी भाग को लॉरेशिया कहा जाता है। गोंडवाना लैंड का नाम एडुअरड सुएस ने भारत के गोंडवाना क्षेत्र के नाम पर रखा था। गोंडवाना भूभाग आज के समस्त दक्षिणी गोलार्ध के अलावा भारतीय उप महाद्वीप और अरब प्रायद्वीप जो वर्तमान मे उत्तरी गोलार्ध मे है का उद्गम स्थल है।



गोंडवाना नाम नर्मदा नदी के दक्षिण स्थित प्राचीन गोंड राज्य से व्युत्पन्न है, जहाँ से गोंडवाना काल की शिलाओं का पहले पहल विज्ञानजगत्‌ को बोध हुआ था। इनका निक्षेपण पुराकल्प के अंतिम काल से अर्थात्‌ अंतिम कार्बन युग (Carboniferous) से आरंभ होकर मध्यकल्प के अधिकांश समय तक, अर्थात्‌ जुरैसिक (Jurassic) युग के अंत तक, चलता रहा। एक पूर्वकालीन विशाल दक्षिणी प्रायद्वीप के निम्न स्थलों अथवा विभंजित द्रोणियों में जो संभवत: मंद गति से निमजित हो रही थीं, नदी द्वारा निक्षिप्त अवसादों से इन शिलाओं का निर्माण हुआ। गोंडवाना काल में मुख्यत: मृत्तिका, शेलशिला (Shell), बलुआ पत्थर (sandstone), कंकरला मिश्रपिंडाश्म (conglomerate), सकोणाश्म (braccia) इत्यादि शिलाओं का निक्षेपण हुआ। स्वच्छ जल में निर्मित होने के कारण इन शिलाओं में स्वच्छ जलीय एवं स्थलीय जीवों तथा वनस्पतियों के जीवाश्म का बाहुल्य और महासागरीय जीवों एवं वनस्पतियों के जीवाश्म का अभाव है